प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन, कश्मीर में बढ़ेगी कनेक्टिविटी पर्यटन और व्यापार

Chenab Railway Bridge : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 6 जून 2025 को जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया।

Jun 6, 2025 - 15:29
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन, कश्मीर में बढ़ेगी कनेक्टिविटी पर्यटन और व्यापार
Photo : Chenab Railway Bridge

Chenab Railway Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 6 जून 2025 को जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया। यह पुल भारत के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का अभिन्न हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। चिनाब ब्रिज एक स्टील और कंक्रीट से बना आर्च ब्रिज है। यह रियासी जिले के बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता है। कश्मीर तक रेल कनेक्टिविटी में इसका बड़ा योगदान है। 

चिनाब ब्रिज: इंजीनियरिंग की अद्वितीय उपलब्धि - 

चिनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो इसे पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा बनाती है। इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है और इसमें 27,000 टन से अधिक स्टील का उपयोग किया गया है। यह पुल भूकंप, बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसे 120 वर्षों तक उपयोग में लाने के लिए तैयार किया गया है । यह कनेक्टिविटी चिनाब ब्रिज सहित 111 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के माध्यम से संभव हुई है. इस ट्रैक में 97 किलोमीटर सुरंगें और 7 किलोमीटर पुल शामिल हैं, जिसमें विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज भी शामिल है ।

प्रधानमंत्री ने चिनाब ब्रिज पर तिरंगा लहराया - 

उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब ब्रिज पर तिरंगा झंडा लहराया, जो देश की संप्रभुता और एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे ।

चिनाब ब्रिज से बढ़ेगी कनेक्टिविटी,पर्यटन, व्यापार - 

चिनाब ब्रिज का निर्माण जम्मू और कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पुल न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके माध्यम से भारतीय सेना को सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित पहुंच प्राप्त होगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा में भी मजबूती आएगी

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )