कैमरों से किसी सदस्य की निजता भंग नहीं, वासुदेव देवनानी ने कहा- सुरक्षा पर प्रतिपक्ष को आपत्ति क्यों
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कैमरों को लेकर प्रतिपक्ष के आरोपों को किया खारिज, कहा- कैमरे केवल सुरक्षा व प्रसारण के लिए, ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं होती, किसी सदस्य की निजता भंग नहीं की जा रही।

जयपुर । राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को सदन को विश्वास दिलाया कि प्रतिपक्ष द्वारा कैमरों से निजता भंग के लगाए गए आरोप, निराधार हैं। उन्होंने कहा कि सदन में लगाए गए कैमरों के कार्य नियमानुसार और सदन की गरिमा की सुरक्षा के लिए हो रहे है। सदन के नियमों, परंपराओं और मर्यादाओं का पालन कराना अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। वासुदेव देवनानी द्वारा हमेशा से पक्ष और प्रतिपक्ष को साथ लेकर सदन चलाने की कोशिश की जाती रही है।
कैमरे पहले से ही स्थापित, नेवा के तहत कैमरों का अपग्रेडेशन-
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है। सभी विधायकगण इस मंदिर में आते हैं। यहां की मर्यादाएं है। यहां के नियम है। यहां की परंपराएं है। राजस्थान की आठ करोड़ जनता हम सबको रोज लाईव देखती है। श्री देवनानी ने कहा कि वे गत तीन चार दिन से अनुभव कर रहे हैं कि कहीं न कहीं सदन की गरिमा में कमी आ रही है। सभी मिलकर गरिमा रखेंगे तो अच्छा संदेश जाएगा। प्रतिपक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा सदन में स्थापित कैमरों के संबंध में उठाए गए प्रश्न के संदर्भ में व्यवस्था देते हुए देवनानी ने कहा कि विधान सभा के नवीन भवन में सदन की स्थापना से ही कैमरे लगे हुए हैं। पुराने सदस्यों को याद भी होगा की सवाई मान सिंह टाउन हॉल स्थित विधानसभा भवन में भी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाती थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में वन नेशन वन एप्लीकेशन के तहत पेपरलेस प्रणाली को अंगीकार किया गया। इसके तहत ही कैमरो को अपग्रेड किया गया है।
कैमरों से ऑडियो रिकार्डिंग नहीं, सुरक्षा के लिए लगाए गए है कैमरे-
वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में लगाए गए कैमरों से ऑडियों रिकार्डिंग नहीं की जाती है। नेवा परियोजना के तहत सदन में स्थापित विभिन्न उपकरणों को तकनीकी रूप से अपग्रेड किया गया जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का एक निश्चित जीवनकाल होता है। नवीन तकनीकी उपकरणों से बेहतर क्वालिटी का प्रसारण संभव हुआ है। पंद्रहवीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान आरंभ हुए यूट्यूब पर लाइव प्रसारण के लिए संपूर्ण सदन के कवरेज के लिए भी आवश्यकतानुसार कैमरे प्रयोग में लाए जाते रहे हैं।
सुरक्षा पर प्रतिपक्ष को आपति क्यों-
देवनानी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मसले पर प्रतिपक्ष को आपति क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि 360 डिग्री को कवर करने वाले कैमरों से सुरक्षा पुख्ता हुई है। उन्होंने कहा कि सदन में बैठकों से पहले और पश्चात साथ ही जब बैठक नहीं होती है, उस दौरान भी सदन में सफाई और उपकरणों की सार संभाल के लिए आईपैड को चैक किये जाने हेतु अधिकारियों, कर्मचारियों और तकनीशियनों का निरन्तर आवागमन रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से सदन में कैमरों का होना आवश्यक है। प्रतिपक्ष को सुरक्षा की दृष्टि को गंभीरता से सोचना होगा।
सदन के आसन सहित सभी दीर्घाएं भी कैमरों की नजर में:-
वासुदेव देवनानी ने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की शाखा के तत्वावधान में आयोजित होने वाले विभिन्न सेमिनार, युवा संसद जैसे आयोजनों के सजीव प्रसारण के लिए भी विभिन्न ऐंगल से कवरेज के लिए भी कैमरे सहयोगी होते है। पक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों वाले स्थान के साथ ही आसन, राज्यपाल दीर्घा, अधिकारी दीर्घा सहित सभी दीर्घाओं में पहले से ही कैमरे स्थापित है। विधानसभा सदन में अध्यक्ष की कुर्सी की तरफ भी कैमरा लगा हुआ है। सदन में स्थापित किसी भी कैमरे से ऑडियो कैप्चर करने की व्यवस्था नहीं है। न ही यह कैमरे किसी सदस्य विशेष पर केंद्रित है। उक्त कैमरे तीन सौ साठ डिग्री क्षमता के है, जिन्हें संचालित करने हेतु दिशा निर्देश बने हुए हैं जिनके अनुसार इन कैमरों का संचालन किया जाता है।
कैमरों से किसी सदस्य की निजता भंग नहीं-
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कैमरों के अपग्रेडेशन से किसी भी सदस्य की निजता भंग नहीं हो रही है। कैमरे सदन में काफी ऊपर की दिशा में लगे हुए हैं। अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी कैमरे लगे हुए है। लोकसभा में भी कैमरे लगे हुए है और आजकल अपने घरों में भी कैमरे लगाते हैं। परिसर में कैमरों की आवश्यकता कितनी है यह आज की परिस्थिति में हम सब महसूस कर सकते हैं। लोकसभा में भी दर्शक दीर्घा से किन्हीं दर्शकों के कूदे जानें की घटनाएं हुई है, जिसके बाद वहां की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। यहां हम सब भी सुरक्षित रहें, यह हम सबके लिए आवश्यक है कि यहां पर यदि हमारी पारदर्शिता है, तो किसी को भी यहां शंका करने की आवश्यकता नहीं है। सदन में कोई निजता भंग नहीं की गई है न आगे भी किसी की निजता भंग की जाएगी।
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