Sushila Meena Biography : गरीबी में पला क्रिकेट का सितारा, 130+ किमी/घंटे की रफ्तार से करती हैं गेंदबाजी
Sushila Meena Biography : गरीब परिवार से आई सुशीला मीणा तेज गेंदबाजी में माहिर हैं। जानिए कैसे एक कोच की मदद से वह क्रिकेट में चमक रहीं हैं।

Sushila Meena Biography In Hindi : सुशीला मीणा, राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की धरियावद तहसील के एक छोटे से गांव रामेर तालाब पिपरिया से ताल्लुक रखती हैं। महज 10-11 साल की उम्र में सुशीला ने तेज गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचा है। वह 130 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक सकती हैं, जो कि इस उम्र में एक असाधारण उपलब्धि मानी जाती है।
सुशीला मीणा की जीवनी:
नाम: सुशीला मीणा
पिता का नाम: रतनलाल पागजी मीणा
माता का नाम: शांति बाई मीणा
गांव: रामेर तालाब पिपरिया, तहसील धरियावद, जिला प्रतापगढ़, राजस्थान
कक्षा: पांचवीं
शिक्षा स्थान: स्थानीय सरकारी स्कूल
खेल: क्रिकेट (तेज गेंदबाजी)
गेंदबाजी स्पीड: लगभग 130-135 किलोमीटर प्रति घंटा
कोच: ईश्वरलाल मीणा
( Sushila Meena Biography In Hindi )
गांव की बेटी बनी क्रिकेट की पहचान -
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के छोटे से गांव रामेर तालाब पिपरिया से ताल्लुक रखने वाली सुशीला मीणा आज क्रिकेट की दुनिया में एक नई उम्मीद बनकर उभरी हैं। महज पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुशीला, ना केवल क्रिकेट खेलने का जुनून रखती हैं, बल्कि उनकी गेंदबाजी की रफ्तार किसी पेशेवर तेज गेंदबाज जैसी है। जो उनकी उम्र और कद के मुकाबले बेहद असाधारण उपलब्धि है।
साधारण परिवार से असाधारण सफर -
सुशीला का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उनके पिता रतनलाल पागजी और माता शांति बाई मीणा मेहनत-मजदूरी और खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने कभी अपनी बेटी के सपनों पर रोक नहीं लगाई।
सुशीला को बचपन से ही क्रिकेट में गहरी रुचि थी। वह स्कूल में होने वाली क्रिकेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं और अपने क्षेत्र की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
कोच की भूमिका रही अहम -
सुशीला की क्रिकेट में रुचि को दिशा देने का श्रेय उनके कोच ईश्वरलाल मीणा को जाता है। पिता रतनलाल के अनुसार, ईश्वरलाल मीणा की देखरेख में ही सुशीला ने क्रिकेट के तकनीकी पहलुओं को समझा और खुद को निखारा। कोच ने ना केवल उसकी प्रतिभा को पहचाना, बल्कि उसे सही मार्गदर्शन भी दिया, जिससे वह इस मुकाम तक पहुंची।
(कोच - ईश्वर लाल मीना { ईश्वर आमलिया } )
सुशीला के खेल की विशेषताएं -
- दाएं हाथ की तेज गेंदबाज
- सीमित संसाधनों के बावजूद नियमित अभ्यास
- स्कूल और स्थानीय स्तर पर कई टूर्नामेंटों में भागीदारी
- स्वाभाविक गेंदबाजी एक्शन और बेहतरीन लाइन-लेंथ
क्या कहती है स्थानीय जनता?
गांव के लोग सुशीला पर गर्व करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार और खेल विभाग से उचित समर्थन मिले, तो सुशीला मीणा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की अगली स्टार तेज गेंदबाज बन सकती हैं।
भविष्य की उम्मीद -
सुशीला के लिए यह सिर्फ शुरुआत है। वह क्रिकेट को ही अपना भविष्य बनाना चाहती हैं। अगर उन्हें उचित प्रशिक्षण, संसाधन और मार्गदर्शन मिलता है, तो वह निश्चित ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान और भारत का नाम रोशन कर सकती हैं।
सुशीला मीणा को RCA ने गोद लिया -
सुशीला मीणा को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) ने गोद लिया है। रविवार 5 जनवरी 2025 को आरसीए की ओर से इस प्रतिभाशाली बालिका को सम्मानित किया गया और उसे गोद लेने की घोषणा की गई। इस अवसर पर राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, संसदीय कार्य एवं विधि मंत्री जोगाराम पटेल और राजस्व मंत्री हेमंत मीणा सहित अन्य लोग मौजूद रहे। आरसीए के अनुसार वह सुशीला मीणा की आगे की पढ़ाई, रहने आदि का खर्च उठाएगा और बालिका के क्रिकेट कौशल को निखारने पर भी काम करेगा।
सुशीला मीणा प्रेरणादायक उदाहरण -
सुशीला मीणा एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं कि कैसे प्रतिभा और लगन किसी भी परिस्थिति को मात दे सकती है। गांव की यह नन्ही खिलाड़ी, न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे देश की उम्मीद बन चुकी है। आवश्यकता है केवल समर्थन की – ताकि एक दिन वह "टीम इंडिया" की तेज गेंदबाज के रूप में मैदान पर धाक जमा सकें।
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