₹500 की चाय: लुधावई टोल पर आरटीओ की दबंगई ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

भरतपुर जिले में सरकार के “भ्रष्टाचार मुक्त शासन” के दावों की सच्चाई शुक्रवार शाम 4:30 बजे उस समय सामने आई, जब एक ट्रक चालक को चाय पीने की कीमत ₹500 चुकानी पड़ी। यह घटना लुधावई टोल पर हुई, जहां ट्रक ड्राइवर केवल ढाबे पर कुछ देर रुककर चाय पी रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्राइवर ने कोई नियम नहीं तोड़ा था, फिर भी आरटीओ अधिकारी वहां पहुंचे और बिना किसी कानूनी आधार के उससे जबरदस्ती ₹500 वसूल लिए। यह मामला केवल एक उदाहरण नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार की एक कड़ी है। ट्रक चालकों से ऐसे टोल प्वाइंट्स पर अवैध रूप से वसूली करना अब आम हो गया है।
अधिकांश बार चालान की जगह नकद वसूली होती है, जो सीधे सरकारी राजस्व की चोरी और निजी जेबों में भरने का तरीका बन चुकी है। यह न केवल ट्रक चालकों के रोज़गार पर असर डालता है, बल्कि प्रशासन की साख और सरकार के भरोसे को भी गहरा नुकसान पहुंचाता है।
प्रशासन और सरकार की चुप्पी इस खुलेआम लूट को मौन स्वीकृति दे रही है। सवाल यह उठता है कि अगर भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं तो “भ्रष्टाचार मुक्त शासन” का नारा जनता के साथ एक छलावा नहीं तो और क्या है?
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