माहवारी स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
मासिक धर्म के प्रति जागरूकता और स्वच्छता बनाए रखने पर बल

करौली: महिला अधिकारिता विभाग द्वारा माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर मंगलवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बालिकाओं एवं महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने, संक्रमण से बचाव, तथा मिथकों एवं भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाना रहा।
कार्यशाला का आयोजन 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना के अंतर्गत किया गया। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे लेकर लड़कियों और महिलाओं को खुले रूप से बात करने, सही जानकारी रखने और स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन देना आवश्यक है।
कार्यशाला में डॉ. रीना मीना ने सैनिटरी पैड, मेंस्ट्रुअल कप, और उनके उपयोग, भंडारण और निपटान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना संक्रमण से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है।
जेंडर स्पेशलिस्ट सीमा चतुर्वेदी ने मासिक धर्म की सामान्य उम्र (9-15 वर्ष) और इसके दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में बालिकाओं को जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि इस दौरान डरने या चुप रहने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि खुले संवाद और स्वच्छता ही सही उपाय हैं। उन्होंने सलाह दी कि 4 से 5 घंटे में सेनेटरी नेपकिन बदलना, इस्तेमाल किए गए पैड को कागज में लपेटकर अलग कूड़ेदान में डालना और अनियमितता की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
कार्यशाला में लगभग 300 किशोरी बालिकाओं, पर्यवेक्षकों, एवं साथिनों ने भाग लिया। उपस्थित बालिकाओं ने विषय से जुड़ी जानकारी को रुचिपूर्वक ग्रहण किया और कई सवाल भी पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान दिया।
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