जसप्रीत बुमराह का बड़ा कारनामा: विदेशी टेस्ट मैचों में 5 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज़ों में कपिल देव को बराबरी पर पछाड़ा
जसप्रीत बुमराह ने सिर्फ 34 टेस्ट में विदेशी धरती पर 12 बार 5 विकेट लिए, कपिल देव को पछाड़ते हुए रचा नया इतिहास।

IND VS ENG : भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर अपने गेंदबाज़ी कौशल से सबको चौंका दिया है। बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में घातक गेंदबाज़ी करते हुए 5 विकेट चटकाए, और इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही वह विदेशी ज़मीन पर 5 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज़ों की लिस्ट में एक अहम मुकाम पर पहुंच गए हैं।
अब बुमराह के नाम 12 बार विदेशी धरती पर 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है, और इस तरह से वह दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव के बराबर आ गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि कपिल देव को यह उपलब्धि हासिल करने में 66 टेस्ट मैचों का समय लगा था, जबकि बुमराह ने सिर्फ 34 टेस्ट मैचों में यह शानदार रिकॉर्ड बनाया है।
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14th 5⃣-wicket haul in Test cricket! ???? ????
Outstanding bowling display from Jasprit Bumrah at Headingley! ????
He now equals the legendary Kapil Dev for the most fifers - 1⃣2⃣ - for India in Away Tests! ???? ????
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जसप्रीत बुमराह के रिकॉर्ड का महत्व -
बुमराह का यह कारनामा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है। उनकी गेंदबाज़ी में जो सटीकता और तेज़ी है, वह उन्हें बाकी गेंदबाज़ों से अलग करता है। बुमराह की सफलता में उनके मानसिक संतुलन, धीमी गति से रणनीतिक बदलाव और वेरिएशन का योगदान है, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज़ों में से एक बनाता है।
कपिल देव और बुमराह:
कपिल देव और जसप्रीत बुमराह दोनों ही भारतीय क्रिकेट के अनमोल रत्न रहे हैं। कपिल देव की टेस्ट क्रिकेट में 5 विकेट लेने की संख्या 12 तक पहुंची थी, लेकिन इसके लिए उन्हें 66 टेस्ट मैचों का समय लग गया था। वहीं बुमराह ने यह मुकाम मात्र 34 टेस्ट मैचों में हासिल किया है। इस अद्भुत उपलब्धि से बुमराह ने न केवल खुद को साबित किया है, बल्कि विदेशी ज़मीन पर भारतीय गेंदबाज़ी की महत्ता को भी बढ़ाया है।
जसप्रीत बुमराह का गेंदबाज़ी में प्रभाव
जसप्रीत बुमराह की गेंदबाज़ी में कोई कमी नहीं रही है, चाहे वह भारत में हो या फिर विदेशी धरती पर। उनकी तेज़ और सटीक यॉर्कर, बाउंसर और स्विंग की गति उनके लिए एक ताकत रही है। विशेष रूप से विदेशी पिचों पर, बुमराह ने अपनी स्विंग और लंबाई के साथ खेल को अपनी शैली में ढाल लिया है।
उनकी बाउंसर और यॉर्कर के बीच संतुलन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट के सबसे डरावने गेंदबाज़ों में से एक बना दिया है। बुमराह के पास केवल तेज़ गेंदबाज़ी ही नहीं है, बल्कि उनकी मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक सोच भी एक अहम भूमिका निभाती है।
भारतीय गेंदबाज़ी के लिए एक नई दिशा
बुमराह के इस रिकॉर्ड ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। जहां एक तरफ भारतीय क्रिकेट में पहले कभी इतने प्रभावी और सफल विदेशी गेंदबाज़ी प्रदर्शन की कहानियां सुनाई जाती थीं, वहीं अब बुमराह ने साबित कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट भी विदेशी धरती पर सफलता प्राप्त कर सकता है। यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
क्यों है बुमराह की यह उपलब्धि ऐतिहासिक?
विदेशी पिचों पर भारतीय गेंदबाज़ों को हमेशा चुनौतीपूर्ण हालात मिलते हैं। कपिल देव जैसे महान गेंदबाज़ की बराबरी करना भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक मील का पत्थर है। बुमराह ने यह रिकॉर्ड तेज़ी से हासिल कर यह दिखा दिया है कि वह इस पीढ़ी के सबसे घातक तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हैं।
जसप्रीत बुमराह का यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व की बात है। बुमराह ने अपनी गेंदबाज़ी के माध्यम से केवल खुद को ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। उनके द्वारा विदेशी ज़मीन पर 5 विकेट लेने की संख्या में कपिल देव के बराबर आना एक ऐतिहासिक पल है, जो भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहेगा।
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