भारत में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव, अस्पतालों को जल्द प्रमाण पत्र देने के आदेश

Birth Certificate : भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) ने जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं, जो आम जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। 12 जून 2025 को जारी एक आधिकारिक नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि अब सभी अस्पतालों, खासकर सरकारी अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे के जन्म के बाद मां को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
जन्म प्रमाण पत्र प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता
मौजूदा समय में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आई थीं, जिनकी वजह से लोग कागजात प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। इसके समाधान के लिए रजिस्ट्रार जनरल ने यह कदम उठाया है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और आसानी लाने का उद्देश्य है।
क्या हैं नए निर्देश?
नए निर्देशों के तहत, जन्म के तुरंत बाद, जैसे ही बच्चे का पंजीकरण पूरा होता है, अस्पताल को रजिस्ट्रार को सूचित करना होगा और फिर सात दिनों के भीतर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र इलेक्ट्रॉनिक या अन्य माध्यम से जारी किया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मां को अस्पताल से छुट्टी लेने से पहले ही जन्म प्रमाण पत्र मिल सके, और वे किसी प्रकार की परेशानी से बच सकें।
आरबीडी अधिनियम 1969 के तहत निर्देश
भारत में जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया, जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन (आरबीडी) अधिनियम 1969 के तहत संचालित होती है। इस अधिनियम की धारा 12 के तहत जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। अब रजिस्ट्रार जनरल ने निर्देश जारी किया है कि यह प्रक्रिया और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाई जाए, ताकि किसी भी तरह की देरी न हो।
सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए निर्देश
इससे पहले भी रजिस्ट्रार कार्यालय ने सरकारी और निजी अस्पतालों को चेतावनी दी थी कि वे जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के क़ानून का पालन नहीं कर रहे हैं। 12 जून के नए निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि अब अस्पतालों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि जन्म के तुरंत बाद मां को प्रमाण पत्र दिया जाए।
लोगों को मिलेगी सहूलत और विश्वास
रजिस्ट्रार जनरल का कहना है कि यह बदलाव आम लोगों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। अब किसी भी प्रकार की अनियमितताओं और देरी की संभावना कम हो जाएगी, जिससे जन्म प्रमाण पत्र प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बढ़ेगा। इसके अलावा, अस्पतालों के पास जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और समयबद्ध तरीके से लागू करने का मौका मिलेगा।
What's Your Reaction?






