जनगणना 2026 की अधिसूचना जारी: दो चरणों में होगी प्रक्रिया, जानिए कब और कहां शुरू होगी गिनती
भारत सरकार ने जनगणना 2026 की अधिसूचना जारी की है। प्रक्रिया दो चरणों में होगी—पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से जम्मू-कश्मीर व उत्तर भारत में, दूसरा 1 मार्च 2027 से देशभर में। पूरी जानकारी पढ़ें।

भारत सरकार ने देश की आगामी जनगणना प्रक्रिया को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी राजपत्र अधिसूचना में बताया गया है कि जनगणना 2026 की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। यह जनगणना भारत की सामाजिक-आर्थिक और जनसंख्या से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करने का कार्य करेगी, जो आगामी नीतियों और योजनाओं के निर्धारण में सहायक होगी।
जनगणना की प्रक्रिया होगी दो चरणों में पूरी :
पहला चरण :
जनगणना प्रक्रिया का पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। इस चरण में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय और मौसम के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन राज्यों में मौसम की प्रतिकूलता को ध्यान में रखते हुए जनगणना पहले की जाएगी, ताकि बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक बाधाएं डेटा संग्रहण में रुकावट न बनें।
दूसरा चरण:-
जनगणना का दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से भारत के शेष हिस्सों में शुरू किया जाएगा। इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा। यह चरण अधिकतर मैदानी और जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में होगा।
क्यों अहम है यह जनगणना?
नीतिगत योजना: केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जनगणना से प्राप्त आंकड़े बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
विकास कार्यों की दिशा तय करना: स्वास्थ्य, शिक्षा, जल आपूर्ति, आवास और रोजगार जैसी योजनाओं के लिए जनसंख्या और संसाधनों का सही आंकलन जरूरी होता है।
डिजिटल रिकॉर्ड: इस बार की जनगणना में डिजिटल तकनीकों का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे आंकड़ों की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
अब तक क्यों नहीं हुई जनगणना?
कोविड-19 महामारी के चलते 2021 में प्रस्तावित जनगणना को स्थगित कर दिया गया था। महामारी के बाद परिस्थितियां सामान्य होने में समय लगा, जिसके चलते सरकार ने अब 2026 से जनगणना की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
इस बार जातीय जनगणना भी शामिल होगी -
इस बार की जनगणना प्रक्रिया खास है क्योंकि भारत की आजादी के बाद पहली बार जनगणना में जातियों की गिनती भी की जाएगी। इसके लिए जनगणना की प्रश्नावली में जाति का एक नया कॉलम भी होगा। जाति की गिनती पिछले कुछ सालों से एक बड़ा राजनीतिक और चुनावी मुद्दा बन चुका है ।
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