क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर का निधन, क्षत्रिय समाज में शोक की लहर

जयपुर। श्रीक्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर का गुरुवार देर रात जयपुर के SMS हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन से क्षत्रिय समाज में गहरा शोक व्याप्त है।
उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन हेतु संघ शक्ति भवन, जयपुर में रखा गया है। अंतिम संस्कार आज दोपहर 4 बजे झोटवाड़ा (लता सर्किल) श्मशान घाट पर किया जाएगा।
समाज सेवा में 4 दशक का योगदान
भगवान सिंह रोलसाहबसर ने अपना जीवन क्षत्रिय समाज की सेवा को समर्पित कर दिया। वे 1963 में रतनगढ़ में शिविर से श्रीक्षत्रिय युवक संघ से जुड़े और 1989 में संघ प्रमुख बने। उन्होंने 500 से अधिक प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और युवाओं को अनुशासन, कर्तव्य और सेवा का मार्ग दिखाया।
वे राजनीति से दूर रहकर समाज के नैतिक और सांस्कृतिक उत्थान में लगे रहे। उन्होंने श्रीप्रताप फाउंडेशन की स्थापना की, जिससे आमजन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद बढ़ा।
आध्यात्मिक योगदान
रोलसाहबसर स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज के शिष्य थे और उनके संदेश को देशभर में पहुंचाया। उन्होंने समाज को अध्यात्म से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
सम्मान और श्रद्धांजलि
राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, और गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व
2 फरवरी 1944 को सीकर के रोलसाहबसर गांव में जन्मे भगवान सिंह रोलसाहबसर ने जीवनभर क्षत्रिय समाज को जागरूक करने, युवाओं को संस्कारित करने और समाज में एकता लाने का कार्य किया। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
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