भरतपुर मेडिकल कॉलेज में विवादित नियुक्ति: डॉ. रजत श्रीवास्तव दोबारा प्रिंसिपल नियुक्त, पहले हो चुके हैं घोटाले के आरोपी

राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (RAJMES) जयपुर ने भरतपुर एसजेपी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. तरुण लाल को 62 वर्ष की उम्र पूरी होने पर पद से कार्यमुक्त कर दिया है। इसके साथ ही डॉ. कर्नल रजत श्रीवास्तव को एक बार फिर कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है, जबकि वे पहले ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में हटाए जा चुके हैं।
डॉ. श्रीवास्तव की उम्र लगभग 65 वर्ष है और वे जुलाई 2020 से अप्रैल 2022 तक इसी कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे। लेकिन 8 अप्रैल 2022 को RAJMES ने एक जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें पद से हटा दिया था। प्रारंभिक जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद विस्तृत विभागीय जांच प्रस्तावित की गई थी।
आरोपों की सूची:
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बिना टेंडर के 4.52 लाख रुपये का केंटीन सामान खरीदा गया।
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31.58 करोड़ रुपये की फीस एफडी में जमा की गई, जो RAJMES के PD खाते में जमा होनी चाहिए थी।
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बिना अनुमति तीन निजी बैंकों में खाते खोलकर 9.73 करोड़ रुपये जमा किए गए।
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कोटेशन के जरिये 4.95 लाख रुपये के सीसीटीवी खरीदे गए, जबकि टेंडर जरूरी था।
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प्लेसमेंट एजेंसी को निर्धारित अवधि से अधिक समय तक कार्य करवाया गया।
डॉ. श्रीवास्तव को 9 दिसंबर 2022 को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इसके बावजूद अब उन्हें फिर से प्रिंसिपल पद पर नियुक्त करना कई सवाल खड़े कर रहा है।
पूर्व में डॉ. श्रीवास्तव को हटाने के बाद RAJMES ने डॉ. सुभाष बंसल को कार्यवाहक प्रिंसिपल नियुक्त किया था। उसके बाद 14 मार्च 2024 को डॉ. तरुण लाल को दो साल के लिए नियुक्त किया गया था, जिनकी अब सेवानिवृत्ति पूरी हो चुकी है।
विशेषज्ञों की राय:
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि किसी भी ऐसे अधिकारी की नियुक्ति, जिस पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हो चुकी हो और जिसकी जांच लंबित हो, संस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।
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