जयपुर : डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या पर धरना समाप्त, राजस्थान सरकार ने परिजनों से की सहमति

जोधपुर के डॉक्टर राकेश विश्नोई की आत्महत्या पर परिजनों के धरने का अंत, राजस्थान सरकार द्वारा मामले की उच्च स्तरीय जांच, सरकारी नौकरी और मुआवजे का वादा।

Jun 21, 2025 - 07:21
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जयपुर : डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या पर धरना समाप्त, राजस्थान सरकार ने परिजनों से की सहमति
Photo : डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या पर धरना समाप्त

जोधपुर, राजस्थान – एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या मामले में सात दिनों से चल रहा धरना शुक्रवार को समाप्त हो गया। मृतक डॉक्टर के परिजनों और राजस्थान सरकार के बीच सहमति बनने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर चल रहे प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया। शव का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद डॉ. राकेश के परिजनों ने उन्हें अंतिम संस्कार के लिए अपने पैतृक गांव नागौर भेज दिया है।

धरना खत्म होने से पहले, सांसद हनुमान बेनीवाल और उनके समर्थक SMS अस्पताल के बाहर डटे रहे। भारी बारिश के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज उठाई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए मोर्चरी को जोड़ने वाली सड़क पर बेरिकेडिंग कर दी थी। पहले मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की योजना थी, लेकिन राज्य सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद इस योजना को टाल दिया गया।

राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदम

इस मामले में राज्य सरकार और डॉ. राकेश विश्नोई के परिवार के बीच हुई वार्ता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और राज्य मंत्री के विषयों के साथ हुई बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

मृतक डॉक्टर की पत्नी को सरकारी नौकरी: डॉ. राकेश की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है।

आरोपी HOD पर कार्रवाई: डॉ. राजकुमार राठौड़, जो डॉ. राकेश के विभागाध्यक्ष थे, को अस्थायी तौर पर APO (आवंटित पदस्थापन अधिकारी) कर दिया गया है।

मामले की उच्च स्तरीय जांच: इस मामले की जांच अब आईएएस स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

मुआवजे के लिए कमेटी का गठन: मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा देने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

HOD की छुट्टी: डॉ. राठौड़ ने 15 दिन की छुट्टी पर जाने का निर्णय लिया है, हालांकि उनकी भूमिका पर जांच जारी रहेगी।

मृतक डॉक्टर की आत्महत्या का कारण:

13 जून को डॉ. राकेश विश्नोई ने जोधपुर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। उनकी स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया था, जहां 14 जून को उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक डॉक्टर के परिजनों का आरोप है कि डॉ. राठौड़, जो उनके विभागाध्यक्ष थे, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। यह उत्पीड़न डॉ. राकेश के लिए अत्यधिक दबाव का कारण बना, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया।

किस तरह से सरकार ने लिया एक्शन?

डॉ. राकेश विश्नोई के मामले में सरकार की ओर से उठाए गए कदम, जैसे कि मामले की उच्च स्तरीय जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, और मुआवजे का आश्वासन, इस घटना के बाद चिकित्सा समुदाय में मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ गंभीर विचार-विमर्श को जन्म देंगे। सरकारी अधिकारी ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

राज्य सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच की वार्ता और सहमति से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस मुद्दे को गम्भीरता से ले रही है। परिजनों की उम्मीद है कि डॉ. राकेश के मामले में न्याय मिलेगा और चिकित्सा क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या पर गंभीर ध्यान दिया जाएगा।

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Jitendra Meena Journalist, Editor ( Mission Ki Awaaz )