देविका पल्शिकर की जीवनी: भारतीय महिला क्रिकेट की नायिका का सफर
जानिए देविका पल्शिकर का क्रिकेट सफर, करियर की शुरुआत, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन और कोचिंग में योगदान। प्रेरणादायक महिला खिलाड़ी की कहानी।

Devika Palshikar biography in Hindi - देविका पल्शिकर का जन्म 20 जून 1979 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन शहर में हुआ। एक छोटे से कस्बे में जन्मी देविका ने अपने अथक परिश्रम और खेल के प्रति समर्पण के दम पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम तक का सफर तय किया। उनका बचपन क्रिकेट के प्रति गहरी रुचि और लगन में बीता, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट की दुनिया में आगे ले गया।
( Photo : Devika Palshikar )
- नाम: देविका पल्शिकर
- जन्म: 20 जून 1979
- जन्मस्थान: मालवन, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र, भारत
- भूमिका: ऑलराउंडर
- खेलने की शैली:
- बल्लेबाज़ी: दाएं हाथ से बल्लेबाज़
- गेंदबाज़ी: राइट आर्म ऑफ ब्रेक (ऑफ-स्पिन गेंदबाज़)
शुरुआती जीवन और शिक्षा
देविका का जन्म महाराष्ट्र के तटीय कस्बे मालवन में हुआ था, जहाँ खेल के साधन सीमित थे। फिर भी उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखा और खुद को प्रशिक्षण देकर घरेलू क्रिकेट में जगह बनाई। उनके शुरुआती दिन संघर्षपूर्ण रहे लेकिन परिवार का साथ और खुद का समर्पण उन्हें आगे बढ़ाता गया।
क्रिकेट करियर की शुरुआत
देविका पल्शिकर ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। उनकी प्रतिभा ने उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का अवसर दिलाया। वे मुख्य रूप से एक ऑलराउंडर खिलाड़ी रही हैं, जो बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में कुशल रही हैं।
- देविका महाराष्ट्र और रेलवे जैसी मजबूत घरेलू टीमों से खेलीं।
- रेलवे की टीम में वे मिताली राज, झूलन गोस्वामी जैसी दिग्गजों के साथ खेलीं।
घरेलू स्तर पर उन्होंने कई अहम पारियां खेलीं और विकेट लिए।
अंतरराष्ट्रीय करियर
देविका ने भारत की महिला राष्ट्रीय टीम के लिए एक टेस्ट मैच और 14 एकदिवसीय (वनडे) अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं।
टेस्ट क्रिकेट : देविका ने भारतीय टेस्ट टीम के लिए केवल एक टेस्ट मैच खेला, जिसमें उन्होंने टीम के लिए योगदान देने की पूरी कोशिश की।
वनडे क्रिकेट: वनडे करियर में उन्होंने 14 मैचों में हिस्सा लिया। इन मुकाबलों में उनका प्रदर्शन स्थिर रहा, जिससे भारतीय टीम को मजबूती मिली।
उनकी खेल शैली में संयम, रणनीति और टीम भावना का अनूठा संगम देखने को मिला। एकदिवसीय क्रिकेट में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया, जिससे वे एक बहुपरिचित ऑलराउंडर बनीं।
कोचिंग और पोस्ट-क्रिकेट करियर
क्रिकेट से सक्रिय करियर के बाद देविका पल्शिकर ने कोचिंग के क्षेत्र में कदम रखा। वे कई महिला क्रिकेटरों की मेंटर और मार्गदर्शक रही हैं। उन्होंने भारतीय महिला टीम और अन्य घरेलू टीमों के कोचिंग स्टाफ में भी योगदान दिया है। उनकी कोचिंग में टीम ने कई महत्वपूर्ण मुकाबले जीते हैं।
कोचिंग भूमिकाएं:
- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सहायक कोच (2014–2017)
- आईसीसी महिला विश्व कप 2017 में भारत की ऐतिहासिक उपविजेता टीम की कोचिंग स्टाफ का हिस्सा
- उनके मार्गदर्शन में भारत ने कई सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
प्रमुख उपलब्धियां
- भारत के लिए टेस्ट और वनडे में प्रतिनिधित्व करने वाली सीमित खिलाड़ियों में एक।
- घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन, विशेष रूप से महाराष्ट्र की टीम के लिए।
महिला क्रिकेट के विकास में सक्रिय योगदान, खासकर कोचिंग और मेंटरशिप के ज़रिए।
( Devieka Palshikaar Biography )
व्यक्तिगत जीवन
देविका पल्शिकर का निजी जीवन काफी सादा और अनुशासित रहा है। वे हमेशा खेल के प्रति समर्पित रही हैं और क्रिकेट को जीवन का अभिन्न हिस्सा मानती हैं। खेल से रिटायरमेंट के बाद भी वे क्रिकेट से जुड़ी रहीं और युवा खिलाड़ियों को तराशने में लगी हुई हैं।
देविका पल्शिकर एक ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने सीमित अंतरराष्ट्रीय मौके मिलने के बावजूद अपने जुनून, मेहनत और प्रतिबद्धता से भारतीय महिला क्रिकेट को गौरवान्वित किया। उनका सफर आज की युवा क्रिकेटरों को प्रेरणा देता है कि समर्पण और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है।
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