बीएसएफ हेड कॉन्स्टेबल रतन सिंह की साथी जवान ने की गोली मारकर हत्या, पार्थिव देह पहुंचा गांव

जयपुर जिले के चौमूं क्षेत्र स्थित खन्नीपुरा गांव का माहौल सोमवार सुबह गमगीन हो गया, जब गांव के बेटे और बीएसएफ हेड कॉन्स्टेबल रतन सिंह शेखावत का पार्थिव शरीर पैतृक घर पहुंचा। उनका अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा।
हत्या ड्यूटी के दौरान हुई — रतन सिंह की तैनाती पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की 119वीं बटालियन में थी। शनिवार रात ड्यूटी के दौरान साथी कॉन्स्टेबल शिवम कुमार मिश्रा से बहस के बाद उसने इंसास राइफल से रतन सिंह पर 13 राउंड फायरिंग की, जिनमें 5 गोलियां सीने में लगीं। घायल हालत में उन्हें पहले अनूपनगर और फिर जंगीपुर मेडिकल फैसिलिटी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़ — जैसे ही यह सूचना जयपुर के खन्नीपुरा गांव पहुंची, परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी फूल कंवर, बेटे सुरेंद्र (27) और बेटी सोनू कंवर (23) का रो-रो कर बुरा हाल है। सोनू की तबीयत बिगड़ने पर उसे ड्रिप लगानी पड़ी। गांव में मातम का माहौल है और कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला।
बेटे ने बताया आखिरी बातचीत — बेटे सुरेंद्र ने बताया कि रात 9 बजे पापा से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने एक बजे तक ड्यूटी की बात बताई थी। घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद यह वारदात हुई।
1989 में हुए थे भर्ती, 3 साल में होना था रिटायर — रतन सिंह 1989 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनका स्वभाव मिलनसार और हंसमुख था। दो महीने पहले ही एक माह की छुट्टी पर घर आए थे और परिवार के साथ वक्त बिताकर लौटे थे।
परिजनों ने मांगा शहीद का दर्जा — परिवार ने सरकार से रतन सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उनका कहना है कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा गंभीर मुद्दा है और इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
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